TOP GUIDELINES OF SHIV CHALISA LYRICS

Top Guidelines Of Shiv Chalisa lyrics

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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला ॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति।

साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं जगन्नाथनाथं सदानन्दभाजम् ।

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत shiv chalisa lyrics bhakti bharat नहिं कोई॥

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